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भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (भारत सरकार का उपक्रम)

जी.टी. रोड, कानपुर– 209217 (उ. प्र.) भारत

अवकाश के नियम

  1. यहां दिए जा रहे अवकाश के नियम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम के सभी कर्मचारियों पर लागू होगें।
  2. अवकाश के प्रकार

कर्मचारी निम्नलिखित प्रकार के अवकाश के पात्र होंगे–

क)    अर्जित अवकाश

ख)   आधा वेतन अवकाश

ग)     अवैतनिक अवकाश/असाधारण अवकाश

घ)     आकस्मिक अवकाश

ङ)     विशेष आकस्मिक अवकाश

  1. अवकाश प्रदान करने की सामान्य शर्तें:
    कर्मचारियों को अवकाश देने के लिए निम्नलिखित आम सिद्धांत लागू होंगे –

क)    अवकाश का दावा अधिकार की बात के तौर पर नहीं किया जा सकता है। जब कभी निगम को सेवा की बहुत अधिक जरूरत होगी, तब अवकाश न देने, स्थगित करने, उसमें कटौती करने या उसे रद्द करने या पहले से ही अवकाश पर चल रहे कर्मचारी को वापस काम पर बुलाने का अधिकार अवकाश देने वाले अधिकारी के पास सुरक्षित है।

ख)   उन अवकाशों को छोड़कर जिनके लिए नियमों में विशेष प्रावधान किए गए हैं, कर्मचारी का निगम छोड़ने, बर्खास्तगी, सेवानिवृत्ति या मृत्यु या अन्यथा के परिणामस्वरूप खत्म हो जाएगी।

ग)     अवकाश पर चल रहा कर्मचारी कोई भी अन्य नौकरी या किसी भी दूसरी जगह रोजगार स्वीकार नहीं करेगा।

घ)     सक्षम प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति लिए बिना अवकाश नहीं लिया जा सकता। ऐसी स्वीकृति के लिए आवेदन सक्षम प्राधिकारी के पास अग्रिम में लिखित रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। अगर कर्मचारी को अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण ड्यूटी से अनुपस्थित रहने पर मजबूत होना पड़ा है, तो ऐसे हालात में, अवकाश के लिए मंजूरी का आवेदन शीघ्रातिशीघ्र संभव अवसर पर कर देना चाहिए।

ङ)     उम्मीद की जाती है कि एक कर्मचारी अवकाश का लाभ फिर से ड्यूटी शुरू होने से पहले पूरी तरह उठाएगा और सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बगैर ऐसे अवकाश के समाप्त होने से पहले ड्यूटी पर वापस नहीं लौटेगा। बशर्ते वह कर्मचारी जिसे आकस्मिक अवकाश प्रदान किया गया है, वह ऐसे अवकाश की अवधि पूरी होने से पहले आकस्मिक अवकाश की पूर्ण अवधि पूरी किए बगैर किसी भी वक्त ड्यूटी पर वापस आ सकता है।

च)    वह कर्मचारी जो अपनी अवकाश की अवधि के बाद भी अनुपस्थित रहता है वह अनुपस्थिति की अवधि के लिए अवैतनिक अवकाश का पात्र होगा और उस अवधि को जब तक कि सक्षम प्राधिकारी निर्देश न दे तब तक असाधारण अवकाश माना जाएगा। कोई कर्मचारी यदि अवकाश की अवधि समाप्त होने के बाद जानबूझ कर ड्यूटि से अनुपस्थित रहता है तो वह अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा।

छ)    छुट्टी अवकाश (हॉलिडे) से पहले या बाद में ली जा सकती है लेकिन उस अवधि के दौरान पड़ने वाले अवकाश (हॉलिडे) आकस्मिक अवकाश या विशेष आकस्मिक अवकाश के मामले में ही स्वीकार्य होंगे, अवकाश के हिस्से के रूप में गिने जाएगें।

ज)    जिस दिन प्रभार सौंपा जाएगा अवकाश उसी दिन से माना जाएगा। अगर प्रभार उस दिन पूर्वाह्न में सौंपा जाता है या फिर अगले दिन दोपहर को सौंपा जाता है तो अवकाश उसी दिन से माना जाएगा। अवकाश उस दिन समाप्त माना जाएगा जिस दिन प्रभार वापस ले लिया जाएगा। ऐसी बहाली अगर पूर्वाह्न में हो या दोपहर में, अवकाश उसी दिन से खत्म माना जाएगा।

झ)   अवकाश किसी भी अन्य प्रकार के अवकाश के साथ या निरंतरता में दिया जा सकता है। हालांकि आकस्मिक अवकाश विशेष आकस्मिक अवकाश को छोड़कर किसी भी अन्य प्रकार के अवकाश के साथ नहीं लिया जा सकता।

ञ)    प्रतिनियुक्ति पर आए कर्मचारियों को आकस्मिक अवकाश/ विशेष आकस्मिक अवकाश को छोड़कर कोई भी अवकाश उनके मूल विभाग के नियमों द्वारा संचालित किया जाएगा।

ट)     अवकाश पर जाने से पहले एक कर्मचारी सक्षम प्राधिकारी को अपने पते की सूचना देगा और उसे समय– समय पर पते में होने वाले किसी भी प्रकार के बदलाव के बारे में उक्त सक्षम प्राधिकारी को सूचित करते रहना होगा।

  1. अर्जित अवकाश

क)    अर्जित अवकाश ड्यूटी पर खर्च किए गए प्रत्येक पंद्रह दिनों के लिए एक पूरा दिन की दर से कर्मचारी संचित करेगा। इस उद्देश्य के लिए ड्यूटी का अर्थ है निगम में बिताए नौकरी की अवधि में से आकस्मिक अवकाश और विशेष आकस्मिक अवकाश के अलावा सभी प्रकार की छुट्टियों की अवधि को निकाल देना।

ख)   कर्मचारी द्वारा संचित अर्जित अवकाश की अधिकतम अवधि 300 दिन होगी। (संदर्भ ओ.ओ.सं. 31/ 2007, दिनांक 02 जून 2007)।

ग)     एक बार में 60 दिनों से अधिक की अर्जित अवकाश मंजूर नहीं किया जा सकता है।  

घ)     अर्जित अवकाश एक वर्ष में छह बार से अधिक नहीं दिया जाएगा। अर्जित अवकाश की मंजूरी के लिए हर एक आवेदन छुट्टी शुरु होने की तारीख से कम– से– कम सात दिन पहले जमा की जानी चाहिए जहां छुट्टी 15 दिनों से कम के लिए मांगी जा रही हो। अगर छुट्टी 15 दिनों से अधिक के लिए मांगी गई है, तो छुट्टी का आवेदन अवकाश शुरु होने की तारीख से 14 दिनों पहले जमा करना होगा।

ङ)     अर्जित अवकाश के दौरान, कर्मचारी को छुट्टी वेतन अवकाश पर जाने वाले दिन से एक दिन पहले के वेतन की दर से दिया जाएगा। अर्जित अवकाश के दौरान वाहन भत्ते का भुगतान नहीं किया जाएगा।

  1. आधा वेतन अवकाश:  

क)    कोई कर्मचारी आधा वेतन अवकाश प्रत्येक 20 दिन की ड्यूटी पर एक पूरा दिन की दर से संचित करेगा। इस उद्देश्य के लिए ड्यूटी का अर्थ है निगम में बिताए नौकरी की अवधि में से आकस्मिक अवकाश और विशेष आकस्मिक अवकाश के अलावा सभी प्रकार के अवकाशों की अवधि को निकाल देना।

ख)   आधा वेतन अवकाश सिर्फ चिकित्सा के आधार पर ही दी जा सकती है।

ग)     दो दिन या उससे अधिक की बीमारी के मामले में पंजीकृत चिकित्सक से लिया गया चिकित्सा प्रमाणपत्र दिखाने पर कर्मचारी को पूर्ण वेतन अवकाश को बदलकर उसे मिलने वाली आधा वेतन अवकाश मिल सकता है। आधी वेतन अवकाश संचित करने की अधिकतम अवधि 90 होगी।

घ)     कोई भी कर्मचारी जिसने चिकित्सीय आधार पर आधा वेतन अवकाश मंजूर करवाया है वह पंजीकृत चिकित्सक द्वारा दिए गए फिटनेस प्रमाण-पत्र दिखाए बिना ड्यूटी पर वापस नहीं आ सकता।

ङ)     आधा वेतन अवकाश के दौरान, कर्मचारी को छुट्टी वेतन अवकाश पर जाने वाले दिन से एक दिन पहले के आधे वेतन की दर से दिया जाएगा। आधा वेतन अवकाश के दौरान वाहन भत्ते का भुगतान नहीं किया जाएगा।

च)    कर्मचारी के खाते में बचे आधा वेतन अवकाश की आधी रकम सेवानिवृत्ति के लिए तैयारी अवकाश के दौरान चिकित्सा प्रमाणपत्र दिए बगैर ली जा सकती है।

छ)    ईएसआई योजना के तहत आने वाले कामगार के लिए धारा 5 के तहत आने वाला आधा वेतन अवकाश लागू नहीं होगा।

6.असाधारण अवकाश:
क) असाधारण अवकाश उन कर्मचारियों को दी जाती है जो परिवीक्षा के अधीन या उन्हें तब स्थायी (कन्फर्म्ड) किया गया है, जब कोई भी अन्य अवकाश उन्हें नहीं दी जा सकती। असाधारण अवकाश आमतौर पर निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए दी जाएगी–

i) वैसी बीमारियों के इलाज के लिए जिसमें इलाज में काफी वक्त लगता है/ या अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती रहना पड़ता है या जरूरत के मुताबिक वे काम पर नहीं आ सकते।

ii) कुछ अप्रत्याशित आकस्मिकताओं को पूरा करने के लिए खासकर नौकरी के आरंभिक चरणों में जब पर्याप्त छुट्टी अर्जित नहीं की गई हो।

ख) सीमाएं: असाधारण अवकाश निम्नलिखित सीमा से बाहर जाने पर किसी भी मामले के लिए नहीं प्रदान किया जाएगा–

i) तीन महीना।

ii) छह महीने जब कर्मचारी ने असाधारण अवकाश का लाभ उठाने की तिथि को सेवा के तीन निरंतर वर्ष पूरे कर लिए हों।

iii) बारह महीने तब जब कर्मचारी ने सेवा का एक निरंतर वर्ष पूरा कर लिया हो और वह कैंसर या मानसिक बीमारी के इलाज के लिए मान्यता प्राप्त किसी संस्थान या ऐसी बीमारियों के विशेषज्ञों या किसी सिविल सर्जन या स्टाफ सर्जन से इन बीमारियों का इलाज करवा रहा हो।

iv) अठारह माह जहां कर्मचारी ने एक वर्ष की निरंतर नौकरी पूरी कर ली हो और जिसका निम्नलिखित का इलाज चल रहा हो–

i.i) मान्यता प्राप्त अस्पताल में पल्मनेरी टुबर्क्यलोसिस (फुप्फुसीय यक्षमा) या क्षयरोग मूल के पेल्यूरिसी का इलाज।

i.ii) योग्य तपेदिक विशेषज्ञ या सिविल सर्जन या स्टाफ सर्जन द्वारा शरीर के किसी अन्य हिस्से के क्षय रोग।
i.iii) राज्य प्रशासनिक चिकित्सा अधिकारी द्वारा मान्यताप्राप्त कुष्ठ संस्थान या सिविल सर्जन या स्टाफ सर्जन या कुष्ट रोग अस्पताल में विशेषज्ञ द्वारा कुष्ठ रोग का इलाज।

ग) अगर किसी भी अन्य प्रकार  के अवकाश से हस्तेक्षप किया गया है तो भी असाधारण अवकाश के दो बार को अधिकतम सीमा लागू करने के प्रयोजन के लिए एक ही माना जाएगा।

घ) अवकाश स्वीकृत प्राधिकारी छुट्टी के बिना अनुपस्थिति की अवधि को असाधारण अवकाश में बदल सकते हैं।
ड़) असाधारण अवकाश के दौरान, कर्मचारी प्रतिपूरक भत्तों ( केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार सीसीए और एचआरए ) के अलावा अपना/ नी वेतन और भत्ता लेने के पात्र नहीं होंगे।

7.मातृत्व अवकाशः
क) महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है जिसे अवकाश के शुरू होने की तारीख से 90 दिनों के लिए विस्तार किया जा सकता है या प्रसव की तारीख से 42 दिनों के लिए, जो भी पहले हो, दिया जा सकता है।

ख) मातृत्व अवकाश जो कि 42 दिन से अधिक अवधि का नहीं होगा, गर्भपात के मामलों में भी दिया जा सकता है। यह ऐसे अवकाश के लिए पंजीकृत चिकित्सक द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए जाने के मामले के अधीन होगा। इरादतन गर्भपात करने वाली कर्मचारी को मातृत्व अवकाश प्रदान नहीं किया जाएगा।

ग) मातृत्व अवकाश की निरंतरता में नियमित छुट्टी भी दी जा सकती है लेकिन यह नवजात शिशु की बीमारी की स्थिति में तब ही दी जाएगी जब उक्त कर्मचारी चिकित्सा परिचर द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करेंगी जिसमें यह लिखा होगा कि बीमार शिशु को मां की जरूरत है और उनकी उपस्थिति शिशु के लिए जरूरी है।

घ) मातृत्व अवकाश पर जाने वाली कर्मचारी इस अवकाश पर जाने से एक दिन पहले मिल रहे वेतन जितना वेतन प्राप्त कर सकेंगी।

ड़) मातृत्व अवकाश और चिकित्सा लाभ समेत अन्य लाभ पहले तीन प्रसव के लिए ही प्रदान किया जाएगा।

8. आकस्मिक अवकाश

क) एक कैलेंडर वर्ष में निगम के कर्मचारियों को 12 दिनों की आकस्मिक छुट्टी देय है।

ख) कैलेंडर वर्ष के मध्य में निगम में शामिल होने वाले कर्मचारियों को आकस्मिक अवकाश उनके द्वारा नौकरी के सेवा के महीनों की संख्या के अनुपात में ही दिया जाएगा।
ग) आकस्मिक अवकाश के दौरान किसी प्रकार का वाहन भत्ता देय नहीं है।

9. विशेष आकस्मिक अवकाश
एक वर्ष में अधिकतम 5 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश कर्मचारी को सांस्कृतिक, खेल एवं अन्य अवसरों पर सक्षम प्राधिकारी के फैसले से दिया जा सकता है।

10. अवकाश वेतन अग्रिमः
एक कर्मचारी को अवकाश वेतन दिया जा सकता है जो कि उसके एक महीने के वेतन से अधिक नहीं होगा। यह तभी दिया जाएगा जब संबंधित कर्मचारी 30 दिनों से कम की अवधि के लिए छुट्टी न ले रहा हो। यह अग्रिम निगम द्वारा तैयार की जाने वाली कर्मचारी के अगले वेतन भुगतान में समायोजित किया जाएगा।

11. कर्मचारी की मौत के मामले में अवकाश वेतनः

निगम में नौकरी के दौरान जिन कर्मचारी , जो छुट्टी पर गए थे लेकिन उनकी मौत हो जाती है, के परिजनों को अवकाश वेतन बाकी अर्जित अवकाश की अवधि के समकक्ष नकद दिया जाएगा।

12. अवकाश नकदीकरणः
क) कर्मचारी के खाते में 30 दिन से अधिक की अर्जित अवकाश और अधिकतम 30 दिनों के लिए, का नकदीकरण नौकरी की अवधि के दौरान अवकाश वेतन दर (मूल वेतन, विशेष वेतन, डीए का जोड़) पर दिया जा सकता है। अर्जित अवकाश के नकदीकऱण के प्रयोजन के लिए, कर्मचारी के खाते में कम– से–कम 60 दिन जमा होने चाहिए।

ख) सेवानिवृत्ति के वक्त, आर्जित अवकाश और आधा वेतन अवकाश (एचपीएल) जो कर्मचारी के खाते में जमा होगा, 300 दिनों के समग्र सीमा के विषयाधीन है, नकदीकरणीय होगा। हालांकि, अर्जित अवकाश के कम होने पर, एचपीएस के रूपांतरण की अनुमति नहीं होगी।

13.सक्षम प्राधिकारीः

निगम समय– समय पर विभिन्न प्रकार के अवकाश देने के लिए सक्षम प्राधिकारियों को आदेश जारी कर सकता है।

14. बचत प्रावधानः
इन नियमों की व्याख्या करने के संबंध में संदेह या विवाद के मामले में, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक का फैसला अंतिम होगा।